कौशाम्बी(अनित कुमार दूबे)-ऐतिहासिक कुंपी युद्व की तैयारी हुई शुरू
*ऐतिहासिक व रोमांचकारी कुप्पी युद्ध की तैयारियां हुई पूरी*
*राम-रावण के सेनानियों के बीच होने वाले कुप्पी युद्ध को देखने जुटेंगे दर्शक*
*कोविड-19 नियमों के तहत मैदान को सेनेटाइज्ड कराने के बाद होगा कुप्पी युद्ध*
*कौशांबी* दारानगर कस्बे का ऐतिहासिक रामलीला महोत्सव व दशहरा मेला का मुख्य आकर्षण दो दिवसीय कुप्पी युद्ध रविवार और सोमवार को आयोजित होगा। राम और रावण दल के बीच होने वाले इस ऐतिहासिक 241वें कुप्पी युद्ध की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। म्योहरा के गढ़ी गांव में कुप्पी युद्ध मैदान को तैयार करने के लिए दिन रात काम चल रहा है। कोरोना काल में आयोजित हो रहे इस कुप्पी युद्ध में कोविड-19 नियमों का पालन करने के लिये विशेष इंतजाम किया गया है।कुप्पी युद्ध लड़ने वाले राम दल और रावण सेना के योद्धा मास्क पहनकर करेंगे युद्ध
ऐतिहासिक कस्बा दारानगर में 241 वर्ष से बिना किसी बाधा के लगातार रामलीला महोत्सव एवं दशहरा मेला का आयोजन होता आ रहा है। इस वर्ष कोविड-19 के चलते तमाम तरह के धार्मिक आयोजन नहीं हो सके। इसके बावजूद दारानगर कस्बे की रामलीला अपनी पूरी मौलिकता एवं परंपरागत तरीके से आयोजित हो रही है। 12 दिवसीय रामलीला महोत्सव व दशहरा मेला में हर रोज लीला स्थल बदल जाता है। दारानगर व उसके आसपास के कई गांव में रामायण से जुड़ी लीला का संपादन होता है। हर रोज सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ रामलीला देखने जुड़ती है। दारानगर कस्बे में आयोजित रामलीला का मुख्य आकर्षण दो दिवसीय खूप युद्ध होता है। दो दिवसीय कुप्पी युद्ध रविवार और सोमवार को होगा। इस अनोखे और रोमांचकारी कुप्पी युद्ध को देखने के लिए हजारों की तादाद में भीड़ जुटती है। म्योहरा गांव के गढ़ी स्थित मैदान में राम और रावण दल के बीच होने वाले युद्ध की तैयारियां अंतिम चरण में है। इस रोमांचकारी कुप्पी युद्ध में राम दल की सेना लाल व रावण दल की सेना काले वस्त्रों में होती है। पहले दिन दोनों सेनाओं के बीच 10-10 मिनट के चार व दूसरे दिन तीन युद्ध होते हैं। युद्ध के बीच लक्ष्मण मेघनाथ युद्ध, लक्ष्मण शक्ति लीला, सती सुलोचना आदि लीला का संपादन होता है। आयोजकों की माने इस बार कोरोना वायरस के चलते आयोजन में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। कोविड-19 नियमों के तहत कुप्पी युद्ध मैदान को अंतिम रूप दिया जा रहा है। युद्ध से पहले पूरे मैदान को सैनिटाइज किया आएगा।
*एकादशी को होता है रावण का प्रतीकात्मक वध*
*कौशाम्बी* दशहरा महोत्सव तो पूरे देश में अलग-अलग स्थानों पर मनाया जाता है। सभी स्थानों पर एक समानता यह है कि रावण का वध दशमी को होता है। असत्य पर सत्य का पर्व रावण वध के साथ पूर्ण होता है। जबकि दारानगर के ऐतिहासिक रामलीला महोत्सव में रावण वध का प्रतीकात्मक संपादन एकादशी को होता है। कमेटी के संरक्षक मूल प्रकाश त्रिपाठी के मुताबिक प्रतीकात्मक वध करने के पीछे भी एक परंपरा का निर्वहन किया जाता है। 241 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को आज भी पूरी मौलिकता के साथ संपन्न कराया जाता है।।
*अनित कुमार दुबे मण्डल ब्यूरोचीफ देवप्रभात समाचारपत्र कौशाम्बी मण्डल प्रयागराज*