अयोध्या(संदीप श्रीवास्तव)-,श्री राम के नाम से लिख डाली श्री रामचरित मानस,920 पन्नो में नही खींची एक भी लकीर
*श्री राम के नाम से लिख डाली श्रीरामचरितमानस, 920 पन्नों में नहीं खीचीं एक भी लकीर*
अयोध्या:-
राम नगरी अयोध्या की रहने वाली शेफाली अग्रवाल ने एक अनोखा कारनामा किया है। उन्होंने राम नाम लिखते हुए तुलसीदास की लिखी रामचरितमानस लिख डाली है। इसकी एक-एक चौपाई का एक-एक अक्षर राम नाम से लिखा गया है. इसमें मात्रा तक राम नाम से लिखी गई है। पूरी रामचरितमानस में कोई लकीर तक नही खिंची गई है। सिर्फ रामनाम से ही अक्षर और पूर्ण विराम बनाये गए हैं. शेफाली ने रामायण के प्रसंगों का चित्रण भी राम-राम लिख कर किया है। शेफाली चाहती हैं कि 29 अगस्त को जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अयोध्या आएं, तो वह उन्हें रामनाम लिखी रामचरितमानस की एक प्रति भेंट करें।
बचपन से भगवान राम से रही अनोखी आस्था
शेफाली ने बताया कि उन्हें बचपन से ही रामलीला देखने का शौक था। शादी के बाद शेफाली जब अपने ससुराल आईं, तो भगवान राम के प्रति आस्था देखकर उनके ससुरालवालों ने भी उनका सहयोग किया। उनकी राइटिंग बहुत अच्छी थी। शेफाली ने पहले राम राम छोटे और महीन तरीके से लिखना शुरू किया। फिर उन्होंने राम नाम से रामचरितमानस लिखने का मन बनाया।
1.5 साल में लिख डाली 920 पेज की रामचरितमानस
शेफाली ने अपने पति पवन अग्रवाल के सहयोग से रामचरित मानस की चौपाइयों को राम नाम के प्रत्येक अक्षरों को बनाते हुए लिखना शुरू किया। नतीजा यह हुआ कि शेफाली ने डेढ़ सालों में 920 पेज की रामचरितमानस की रचना ही कर डाली। खास बात यह है कि इस रामचरितमानस में शेफाली ने कहीं भी मात्रा, पूर्ण विराम या किसी अक्षर को बनाने के लिए कोई लकीर नहीं खींचा. राम-राम शब्द लिखते हुए चौपाई, छंद और पूरी रामचरितमानस लिख डाली। शेफाली ने इसके साथ-साथ हनुमान चालीसा भी राम नाम के सहारे लिखी है।
पेंटिंग्स और धार्मिक पुस्तकों की एग्जीबिशन लगाना चाहती हैं शेफाली
शेफाली ने रामचरितमानस के साथ-साथ रामायण के प्रसंगों पर आधारित 101 पेंटिंग बनाई हैं। ये पेंटिंग भी राम शब्द से बनी है। इसमें भी ना ही कोई लकीर खींची गई और ना ही किसी अन्य विधि को इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा उन्होंने सुंदरकांड और श्रीमद्भागवत गीता भी राम नाम शब्द के सहारे लिखा है। इस काम में परिजन भी शेफाली का सहयोग करते हैं। शेफाली अपनी पेंटिंग्स और धार्मिक पुस्तकों की एक एग्जीबिशन लगाना चाहती हैं। इसके साथ ही रामचरितमानस की एक-एक प्रति अयोध्या आ रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेंट करना चाहती हैं।