अयोध्या(संदीप श्रीवास्तव/दिनेश चौहान)-पुत्र की लंबी आयु व सुख समृद्धि के लिये माताओ ने रखा छठ महापर्व
*पुत्र की लंबी आयु व सुख समृद्धि के लिए माताओं ने रखा छठ महापर्व पर व्रत*
● ```महिलाएं कर रही हैं पूजन अर्चन पूरे अयोध्या जनपद में छठ महापर्व की धूम```
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*अयोध्या*
```पुत्र की लंबी आयु व सुख-समृद्धि के लिए माताएं कर रही है ललही छठ का व्रत और पूजन अर्चन। आज इस महापर्व पर महिलाएं शेषावतार बलदाऊ का पूजन कर रही है। भाद्रपद कृष्ण पक्ष छठी पर व्रत रखने के साथ महिलाएं पूजा अर्चना कर रही हैं। कुश, ढाक के पत्ते, दियाली, परसी का चावल व फल में सेब आदि के द्वारा महिलाएं पूजा अर्चना में लगी हुई है।
अयोध्या जनपद के बीकापुर, मिल्कीपुर, कुमारगंज इनायत नगर ,शाहगंज, खजुरहट, हैरिंग्टनगंज ,रामपुर ,तारुन, मसौधा के साथ हर कस्बे में पूजन सामग्री की दुकानें लगी हैं। भगवान शेष के रूप में जिन्हें शैय्या बनाकर उनके ऊपर भगवान श्रीमन्नारायण व माता लक्ष्मी क्षीर सागर में विराजते हैं। जिनके फण पर पृथ्वी पीली सरसों के बराबर विराजमान है। द्वितीय मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण के रूप में तृतीय भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम के रूप में तथा कलयुग में रामानुज स्वामी के रूप में अवतार लिया। बलदाऊ भगवान जगन्नाथ व बहन सुभद्रा के साथ पुरी में सदा विराजित रहते हैं। धर्माचार्य रामायणी जी महाराज ने बताया कि महिलाएं पुत्र की दीर्घायु के लिए ललही छठ या हल छठ के व्रत के रूप में करती हैं। इस दिन भैंस के दूध दही का पान करती हैं, गाय के दूध का सेवन नहीं किया जाता। हल से जोते हुए खेत में होने वाले किसी अन्न को नहीं खाया जाता। हल छठ के व्रत से भगवान शेषावतार बलराम प्रसन्न होते हैं और दीर्घायु प्रदान करते हैं। इस व्रत को लोकरीति के अनुसार महिलाएं बड़ी बुजुर्ग महिलाओं के साथ मनाती हैं। ग्वालिन की कथा श्रवण करती हैं और उनसे भी आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। तालाब के किनारे पूजन होता है, लेकिन, शहर में जगह की कमी से घर के आंगन में सरोवर खोदती हैं। गमले में भी जल भरकर पूजन की परंपरा निभाती हैं। कई जगह सामूहिक रूप से पूजन होता है। अयोध्या जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब के किनारे जगह जगह समूह के रूप में महिलाएं एकत्रित होकर पूजा अर्चन करते हुए देखी जा रही हैं।
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*अयोध्या से सन्दीप श्रीवास्तव/ दिनेश चौहान की रिपोर्ट*