अयोध्या धाम(देवप्रभात समाचार)-धर्म की हानि होने पर प्रकट होते है भगवान-पंडित गजानंद शास्त्री
*धर्म की हानि होने पर प्रकट होते हैं भगवान*- *पं. गजानन्द शास्त्री*
*अयोध्या* अयोध्या के कोछा बाजार में चल रही श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस की कथा मे श्रीधाम अयोध्या से पधारे *परम पूज्य पं. गजानन्द शास्त्री जी महाराज* ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा सुनाई,
पूज्य महाराज जी ने कहा कि जब धर्म की हानि होती है , चारो तरफ पाप का बोलबाला होता है, तो भगवान अपने विभिन्न रुपों में प्रकट होते हैं, और अधर्मियों का विनाश करते हैं, और भक्त की रक्षा करते हैं,
भगवान अपने भक्तों के समस्त दुःखों की समाप्ति के लिए और पृथ्वी पर पाप को कम करने के लिए हमे पृथ्वी पर अवतरित होते हैं, और व्यास जी ने बताया कि जीवन में संघर्ष का कोई समय तय नहीं होता संघर्ष जन्म के साथ ही शुरु हो जाता है, पहली लडाई खुद को जीवित रखने की होती है, जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण के रुप में जनमे थे, फिर भी जीवन को बचाने का पहला संघर्ष जन्म की रात से शुरु हो गया,
इसीलिए संघर्ष से डरे नही हमेशा तैयार रहे, संघर्ष तो भगवान के जीवन में भी आते हैं,
इस मौके पर मुख्य यजमान श्री राम चन्दर जायसवाल जी के यहां उनके सुपुत्र आनन्द, सुशील और सुजीत,व वैदिक विद्वान आचार्य सुनील तिवारी, आचार्य कृष्णा जी प्रियव्रत शुक्ला जी पं. हिमांशु व मुख्य पुरोहित पं. नकछेद जी आदि मौजूद रहे, सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे, और नन्दोत्सव का आनन्द लिया, और भक्तो मे बालकृष्ण भगवान की आरती उतारी।