सुल्तानपुर।दुष्प्रेरण के दोषी पति को आठ वर्ष के कठोर कारावास एवं अन्य तीन दोषियों को आठ-आठ वर्ष के साधारण कारावास की एफटीसी कोर्ट ने सुनाई सजा*
*दुष्प्रेरण के दोषी पति को आठ वर्ष के कठोर कारावास एवं अन्य तीन दोषियों को आठ-आठ वर्ष के साधारण कारावास की एफटीसी कोर्ट ने सुनाई सजा*
*एफटीसी-प्रथम जज कल्पराज सिंह की अदालत ने दो दिन पूर्व आरोपी पति व सास-ससुर को दुष्प्रेरण एवं आपराधिक षडयंत्र के आरोप में एक रिश्तेदार को ठहराया था दोषी,एक-एक लाख का ठोंका अर्थदंड*
*तेरह साल पहले मृतका के पिता ने बेटी को जलाकर मार डालने समेत अन्य आरोपो मे आरोपियो के खिलाफ दर्ज कराया था मुकदमा,आज आया सजा पर फैसला*
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सुलतानपुर। तेरह वर्ष पूर्व जलकर हुई विवाहिता की मौत के मामले में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट-प्रथम जज कल्पराज सिंह की अदालत ने दुष्प्रेरण के आरोप में दो दिन पूर्व दोषी ठहराये गये पति, सास-ससुर एवं इनके एक रिश्तेदार की सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया। अदालत ने दोषी पति को आठ वर्ष के कठोर कारावास एवं अन्य दोषियो को आठ-आठ वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। वहीं अदालत ने सभी दोषियों को एक-एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मालूम हो कि धम्मौर थाना क्षेत्र स्थित उधनपुर गांव के रहने वाले घनश्याम उपाध्याय के साथ लम्भुआ थाना क्षेत्र के लोटिया (बेलखरिया) निवासी अभियोगी सीताराम उपाध्याय ने घटना के करीब पांच वर्ष पूर्व अपनी बेटी उमा देवी का विवाह संपन्न कराया था। आरोप के मुताबिक ससुरालीजनों ने मनमुताबिक दहेज की डिमांड न पूरी होने के चलते उमा को 29 अप्रैल 2009 को जलाकर मार डाला। इस मामले में अधिवक्ता पति घनश्याम उपाध्याय, ससुर दयाराम उपाध्याय व सास-चन्द्रकला के खिलाफ दहेज हत्या सहित अन्य आरोपो में मुकदमा दर्ज हुआ एवं मामले में जैतापुर निवासी इनके रिश्तेदार हौसिला प्रसाद को साजिश का आरोपी बनाया गया। मामले में आरोपियो के दहेज हत्या व साजिश समेत अन्य आरोपो में चार्जशीट दाखिल हुई। विचारण के दौरान ट्रायल कोर्ट ने आरोपियो के खिलाफ दहेज हत्या सहित अन्य आरोपो के अलावा विकल्प के रूप में हत्या एवं आत्महत्या के दुष्प्रेरण के आरोप में भी चार्ज बनाकर ट्रायल शुरू किया। मामले का विचारण एफटीसी प्रथम की अदालत में चला। इस दौरान शासकीय अधिवक्ता दान बहादुर वर्मा ने अभियोजन गवाहों को परीक्षित कराया और आरोपियो को ही दोषी ठहराने के लिए भरपूर पैरवी की। वहीं बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपियो को बेकसूर बताया। फिलहाल मामले में दहेज हत्या या हत्या के आरोप की पुष्टी नहीं हुई,बल्कि आत्महत्या के दुष्प्रेरण का मामला पाया गया। मामले में उभय पक्षों को सुनने के पश्चात एफटीसी जज कल्पराज सिंह की अदालत ने आरोपी अधिवक्ता पति घनश्याम उपाध्याय,उनके पिता दयाराम उपाध्याय व माता चंद्रकला को आत्महत्या के दुष्प्रेरण के आरोप में बीते शनिवार को दोषी करार दिया था,जबकि सहआरोपी उनके रिश्तेदार हौसिला प्रसाद को साजिश के आरोप में दोषी ठहराया था। दोषियों की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 23 मई की तारीख तय की गई थी। दोषियों की सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए आज अदालत ने दोषी पति को आठ वर्ष के कठोर कारावास एवं अन्य दोषियों को आठ-आठ वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने साजिश में शामिल हौसिला प्रसाद का अपराध सिद्ध होने पर उसे भी बराबर का ही दोषी माना है। वहीं अदालत ने सभी दोषियों को एक-एक लाख रुपये अर्थदंड लगाया है। अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से आधी रकम अभियोगी के पक्ष में देने का आदेश पारित किया है।