जौनपुर(विश्वप्रकाश श्रीवास्तव)माल गोदाम की सड़क झील में तब्दील
माल गोदाम की सड़क झील में तब्दील
आमदनी में वाराणसी के बाद दूसरे स्थान पर है शाहगंज का माल गोदाम
सड़क निर्माण को लेकर पिलाई जाती रही है आश्वासन की घुट्टी
शाहगंज /जौनपुर
पूर्वांचल में आमदनी की दृष्टि से वाराणसी के बाद दूसरा स्थान रखने वाला स्थानीय रेलवे मालगोदाम उपेक्षा की शिकार है। इस गोदाम को जाने वाली सड़क पूरी तरह से गड्ढे में तब्दील हो चुकी है और हल्की बारिश में ही झील का शक्ल ले लेती है। बावजूद इसके रेल प्रशासन सड़क की मरम्मत को लेकर गंभीर नजर नहीं आता। इस मार्ग से होकर गुजरने वाली ट्रकों के चालक और उनके मालिक इस समस्या से खासे परेशान नजर आते हैं ।
स्थानीय रेलवे मालगोदाम वाराणसी के बाद आमदनी की दृष्टि से पूर्वांचल में दूसरा स्थान रखता है।यहां प्रतिमाह खाद, सीमेंट, अनाज आदि सामानों से लदी रेल मालगाड़ी के डिब्बे पहुंचते हैं। जहां से उनको ट्रकों पर लादकर गोदाम में ले जाकर भंडारण का काम किया जाता है।माल गोदाम से जैसे ही ट्रके आगे बढती है उन्हें एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। माल गोदाम की गड्ढे में तब्दील हो चुकी सड़क में हिचकोले खानी पड़ती है। हल्की बारिश में ही यह सड़क झील का रुप ले लेती है। आए दिन यहां पर ट्रके फंसकर खड़ी हो जाती है। इन को निकालने को लेकर उनके चालक, खलासी और मालिक परेशान होते हैं। इस समस्या की ओर स्थानीय नागरिकों ने रेलवे स्टेशन पर आने वाले विभाग के बड़े अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों का ध्यान कई बार खींचा। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका।महज आश्वासन की घुट्टी पिलाई जाती रही है। कई बार तो इस सड़क के निर्माण के दावे भी बड़े ही पुरजोर ढंग से विभाग के अधिकारियों ने किया। लेकिन जमीनी धरातल पर निर्माण शुरू नहीं हो सका। इस समस्या से चालक और मालिक परेशान होते हैं। इतना ही नहीं इस माल गोदाम पर शेड भी नहीं है। जिसकी वजह से आए दिन बारिश में अनाज के भिगने की खबरें अखबारों की सुर्खियां बनती हैं।इन तमाम परेशानियों के बावजूद रेलवे प्रशासन के अधिकारी गंभीर होते नहीं दिखाई देते है। जिसकी वजह से समस्या दिन - ब - दिन बढ़ती जा रही है। विभागीय अधिकारियों का ध्यान इस समस्या की ओर आकृष्ट कराया गया है। जिससे कि परेशानी से निजात मिल सके।