हरदोई(कैलास कुमार गुप्ता)-हाथी से उतरकर सायकिल पर सवार हुए पूर्व बिधायक बब्बू
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हरदोई। आगामी 2022 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों मे जुटी समाजवादी पार्टी ने जहां अपने दल के कील कांटों को दुरूस्त करना शुरू किया है तो वहीं सपा ने अन्य दलों के असंतुष्टों पर भी अपनी नजरें गड़ा दी हैं। मंगलवार को समाजवादी पार्टी को उस समय एक बड़ी कामयाबी हाथ लग गयी जब हरदोई जिले की शाहाबाद विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी से विधायक रह चुके आसिफ खां बब्बू को बसपा से तोड़कर उन्हें समाजवादी पार्टी में शामिल कराने मे सफलता हासिल की। शाहाबाद की राजनीति मे अच्छी खासी पकड़ रखने वाले आसिफ खां बब्बूू के बसपा के हाथी से उतरकर समाजवादी साईकिल पर सवारी करने से शाहाबाद में साईकिल की गति काफी तेज हो जायेगी। लगातार चौथी बार शाहाबाद नगर पालिका से चेयरमैन और एक बार विधायक रहे बब्बू ने अपनी पत्नी नसरीन बानों के साथ सपा मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी मे लखनऊ स्थित सपा कार्यालय मे पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। पूर्व विधायक बब्बू की पत्नी नसरीन बानो वर्तमान समय मे शाहाबाद नगरपालिका परिषद की अध्यक्ष भी है। बसपा की हरदोई जिले मे धुरी माने जाने वाले पूर्व विधायक बब्बू की शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र के मुस्लिमों मेें मजबूत पकड़ मानी जाती है और बसपा का साथ छोडकर बब्बू के सपा मे शामिल होने के कारण मुस्लिम वोटरों का सीधा लाभ समाजवादी पार्टी को शाहाबाद विधानसभा मे मजबूती प्रदान करेगा।
बतातें चलें कि इसी साल फरवरी माह मे पूर्व विधायक आसिफ खां बब्बू ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की थी और इस मुलाकात के बाद से ही उनकी समाजवादी पार्टी ज्वाइनिंग के कयासों का बाजार गर्म था जिस पर आज पूर्ण विराम लग गया है।
#आसिफ_खां_बब्बू_का_राजनीतिक_सफर
पूर्व विधायक आसिफ खां बब्बू ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरूआत सन् 1995 में शाहाबाद नगर पालिका के चेयरमैन के चुनाव से की थी और अपने पहले ही चुनाव में उन्होंने जीत भी दर्ज की थी जिसके बाद हुये पालिकाध्यक्षी के अगले चुनाव में एक बार फिर वह चेयरमैन चुने गये। इस दौरान उनका राजनैतिक ग्राफ लगातार बढ़ता रहा जिसके चलते 2002 के चुनाव में बसपा ने उन्हें शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र से पार्टी का टिकट तक दे दिया था लेकिन वह उस चुनाव में महज 32469 वोट ही हासिल कर सके थे और तीसरे नंबर पर रहे थे। 2007 के चुनाव में नगरपालिका अध्यक्षी के साथ बब्बू बसपा के टिकट पर एक बार फिर मैदान में उतरे और इस बार सपा के बाबू खां को 4006 वोटों से हराकर विधानसभा पहुंचने मे सफल हो गए। समाजवादी पार्टी की आंधी मे 2012 के चुनाव में बब्बू को 11134 वोटों से करारी शिकस्त भी झेलनी पड़ी थी। हार के बाद बब्बू पर बसपा विरोधी होने के आरोप लगे जिसके कारण 20 अप्रैल 2016 को पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर मायावती ने बब्बू को बसपा से बाहर का रास्ता दिखाकर रामनाथ तिवारी को शाहाबाद का प्रभारी घोषित कर दिया था। इसके बाद बब्बू की मायावती से 21 अगस्त को लखनऊ में भेंट हुई और एक बार फिर उन्होनें पार्टी में वापसी कर अपने सभी विरोधियों को चित्त कर दिया था।
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