सुल्तानपुर!पिता-पुत्र समेत चार दोषियों को गैर-इरादतन हत्या में दस-दस साल का कठोर कारावास,कोर्ट ने 1.56 लाख रुपये का ठोंका अर्थदण्ड*
*पिता-पुत्र समेत चार दोषियों को गैर-इरादतन हत्या में दस-दस साल का कठोर कारावास,कोर्ट ने 1.56 लाख रुपये का ठोंका अर्थदण्ड*
*कल कोर्ट ने चारो आरोपियों को ठहराया था दोषी,करीब छह साल पहले चारो ने जमीनी विवाद में अभियोगी पक्ष पर बोला था हमला,इलाज के दौरान चोटहिल पृथ्वीपाल की चली गई थी जान*
*पैमाइश के बाद मेड बांध रहे अभियोगी पक्ष पर आरोपियों ने लाठी-डंडो व अन्य हथियारों से किया था हमला,लम्भुआ थाना क्षेत्र के कैथापुर गांव की है घटना*
*एडीजे चतुर्थ राजेश नारायण मणि त्रिपाठी की अदालत ने आरोपी पिता झगरू,उसके बेटे शैलेश सह आरोपी लालबहादुर व श्रीकांत को कल ठहराया था दोषी,आज मिली सजा*
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सुलतानपुर। जमीनीं विवाद को लेकर हुई गैर इरादतन हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ की अदालत ने कल दोषी ठहराये गये पिता-पुत्र समेत चार दोषियों की सजा के बिंदु पर आज अपना फैसला सुनाया। अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नारायण मणि त्रिपाठी की अदालत ने सभी दोषियों की 10- 10 वर्ष के कठोर कारावास व 39- 39 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
*मालूम हो कि लम्भुआ थाना क्षेत्र स्थित कैथापुर गांव* के रहने वाले अभियोगी विनोद कुमार सरोज ने 18 जुलाई 2016 की सुबह करीब सात बजे हुई घटना का जिक्र करते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसके पट्टीदार लाल बहादुर व अन्य से उसका जमीनी विवाद चल रहा था। घटना के दिन पैमाइश के बाद मेड बाधा जा रहा था,इसी दौरान आरोपीगण लाल बहादुर,श्रीकांत,शैलेश कुमार व उसके पिता झगरू ने लाठी-डंडों व अन्य हथियारों से लैस होकर अभियोगी पक्ष पर हमला बोल दिया, हमले में अभियोगी की मां शांति देवी,भाई प्रमोद एवं पिता पृथ्वीपाल को काफी चोटें आई। आस-पास के लोगों ने बीच-बचाव किया तो आरोपीगण जान से मार डालने की धमकी देते हुए वहां से फरार हो गए। हमले में गम्भीर रूप से घायल पृथ्वीपाल को इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जिसकी हालत गंभीर होने के चलते इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मामले में चारों आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया। तफ्तीश पूरी होने के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हुई। मामले का विचारण एडीजे चतुर्थ की अदालत में चला। इस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने आरोपियों को बेकसूर साबित करने का प्रयास किया,वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता विजय शंकर शुक्ला ने अपने साक्ष्यो एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपियों को ही घटना में दोषी ठहरा कर कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की थी। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नारायण मणि त्रिपाठी की अदालत ने पिता-पुत्र सहित चारों आरोपियों को घटना का जिम्मेदार मानते हुए उन्हें कल दोषी करार दिया था। दोषियों की सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 14 सितंबर यानी आज बुधवार का दिन तय किया गया था। आज अदालत ने दोषियों की सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सभी को दस-दस वर्ष के कठोर-कठोर कारावास एवं कुल एक लाख छप्पन हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।